सुहागरात में क्या करें
सुहागरात में जरूरी याद रखने वाली बातें (क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
सुहागरात की घड़ी हर किसी की जिंदगी में उम्र के एक पड़ाव में अवश्य आती है, जिसका हर स्त्री और पुरूष को तहेदिल से इंतजार होता है। सुहागरात अपने आप में ही एक ऐसा मधुर ‘स्वर’ व ‘शब्द’ है, जिसे सुनकर हर युवा स्त्री-पुरूष यहां तक कि उम्रदराज लोगों का दिल भी धड़कने लगता है।
वे भी अपने सुहागरात के पलों को याद करके सुहानी यादों में खो जाते हैं।
Suhagrat Me Kya Kare ये सोच कर ही कई लोग सम्भोग के बारे में सोचना शुरू कर देते है | अगर आज के युवा वर्ग की बात करें, तो सुहागरात का नाम सुनकर जहां उनके दिलों में गुदगुदी होने लगती है, साथ ही एक अनजाना-सा भय और मानसिक तनाव भी होता है। क्या करें, क्या न करें, कहीं कुछ गलत न हो जाये, साथी को बुरा न लग जाये, सुहागरात असफल तो नहीं रह जायेगी, शुरूआत कैसे करेंगे इत्यादि बातों की चिंता में मन-ही-मन व्यथित होते रहते हैं।
सुहागरात का नाम सुनकर जो पहला इशारा मन को विचलित करता है, वो है सुहागरात में होने वाला पहला ‘शारीरिक मिलन’ यानी संभोग। जिसे अंग्रेजी में ‘फस्र्ट नाईट सेक्स’ भी कहते हैं। सबसे ज्यादा चिंता का विषय ही सेक्स होता है। दरअसल अरैंज मैरिज में तो यह समस्या और भी बढ़ जाती है, क्योंकि पहले से एक-दूसरे को भली-भांति न जान पाने के कारण आपस में तालमेल बिठा पाना मुश्किल-सा प्रतीत होता है। विवाह की लंबी रस्में निभाते-निभाते दूल्हा-दुल्हन को थकान होना स्वाभाविक है। इसलिए पहली रात में सेक्स कर पाना नर्वसपन को बढ़ा सकता है।
विवाह की थकान के साथ यदि घबराहट भी है, तो नीचे दी गई सलाह आ सकती है आपके बहुत काम..
कुछ ऐसा करें..
1. बेफिक्र रहें
सुहागरात को हव्वा न बनायें और खुद में आत्मविश्वास पैदा करके बिंदास रहें।
सुहागकक्ष में आप दोनों भले ही अनजान हो सकते हैं, मगर गैर नहीं।
अब आप पति-पत्नी हैं और दोनों का एक-दूसरे पर पूरा हक है।
इसलिए संकोच न करें और खुद को सहज बनाये रखने का प्रयास करें।
दुल्हन के लिए यही कहेंगे कि आत्मविश्वास से बढ़कर कोई दूसरा नशा और सेक्सी कुछ भी नहीं है।खुद को सेक्सी दिखाने के लिए पहले स्वयं ऐसा महसूस करें कि आप सेक्सी हैं।
इसके लिए आप उत्तेजक वस्त्र पहन सकती हैं, जैसे नाइटी वगैरह।
जब तक आप खुद अपने आपको हाॅट महसूस नहीं करेंगी, तो अपने पार्टनर को भी नहीं करा पायेंगी।
2. बातों का सिलसिला जारी रखें
ऐसे विवाहित जोड़े जो अरैंज मैरिज के बाद पहली बार सुहागरात में मिल रहे हों, उनके लिए सलाह है कि वे आपसी बातचीत के जरिए अपनी सुहागरात की घबराहट को दूर सकते हैं।
संभोग के समय भी आप कहकर, अपने भावों से या फिर मादक आंहों से इशारा दे सकते हैं या फिर दे सकती हैं कि आपका पार्टनर जो भी कर रहा है, आपको उसमें आनंद आ रहा है।
ऐसा करना आप दोनों को आनंद के दूसरे ही लोक में लेकर चला जायेगा और दोनों को ही असहजता का एहसास नहीं हो पायेगा।
3. नेचुरल व्यवहार करें-
बढ़ती उम्र में चाहे लड़का हो या लड़की अपने हमउम्र रिश्तेदारों व दोस्तों से सुहागरात की जानकारी या सुहागरात के खट्टे-मीठे किस्से सुनते रहते हैं और वैसी ही धारणा बना लेते हैं। सुहागरात से जुड़े सबके अपने-अपने अलग-अलग अनुभव होते हैं, इसलिए इन बातों की चिंता नहीं करनी चाहिए।
सुहागरात में कुछ भी दिखालवटी करने की कोशिश न करें।
सबकुछ उस पल पर और आप दोनों की आपसी तालमेल पर ही निर्भर करता है।
ना तो सेक्स के दौरान कुछ ओवर करें और न ही फोर-प्ले के दौरान।
एक-दूसरे को समझें, जानें और आपसी स्वीकृति के बाद ही आगे बढ़ें।
ऐसा बिल्कुल ना करें..
1. व्यर्थ की अपेक्षा एक-दूसरे से ना रखें
शादी के बाद आपकी पहली रात एक-दूसरे की बांहों में चाहे जैसे भी गुजरे, वो आपकी रात है।
इस बारे में ज्यादा ना सोचें और केवल इस रात का, इन हसीन लम्हों का आनंद उठायें।
एक-दूसरे से व्यर्थ ही अधिक अपेक्षा न रखें।
पहली रात में कुछ भी हो सकता है, जोकि स्वाभाविक है, इसलिए यदि पहली रात का शारीरिक मिलन जैसा भी हो, उसी में संतुष्टि रखें और एक-दूसरे पर विश्वास रखकर अपने प्रेम का खुला इजहार करें।
याद रखें सुहागरात की यह याद जीवन भर की याद बनकर रहने वाली है आप दोनों के लिए।
इसलिए इस रात कुछ ऐसा करें कि आप दोनों जब भी इस पल को याद करें, एक गुदगुदी-सी तन-मन में हो जाये।
2. सुहागरात नाम की चिंता ना पालें
सुहागरात की रस्म में सेक्स करना ही सबकी दृष्टि में प्राथमिकता होती है।
इसलिए आप सुहागरात में होने वाले सेक्स को लेकर दबाव में या तनाव में बिल्कुल ना रहें।
यदि विवाह की लंबी-चैड़ी रस्में निभाते-निभाते आप दोनों थक गये हों, तो सेक्स को अगली रात के लिए भी रख सकते हैं।
ऐसा करने से कोई मुसीबतों का पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा।
केवल इसलिए सेक्स करना कि सुहागरात पर करते ही हैं, वरना लुटिया डूब जायेगी, बेकार का भ्रम है।
आपसी सहमति से अगली सुबह भी तरो-ताजा हवा के साथ संभोग का आनंद ले सकते हैं।
3. पहले सेक्स के अनुभव को दिल पर ना लें
नवविवाहित जोड़े का यह पहला सेक्स अनुभव होता है, जिसका पूर्वाभ्यास दोनों को ही नहीं होता।
इसलिए दोनों में से किसी से भी कोई भूल-चूक हो जाये तो इसके लिए मानसिक तनाव न लें।
हो सकता है शुरूआत में जरा अटपटा-सा लगे, जोकि स्वाभाविक भी है।
कुछ भी करें बड़े ही धैर्य, सम्मान और प्रेम सहित करें।
ऐसा करना सुहागरात को बेहतर बना देगा।
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