वीर्य को बढ़ाने के उपाय

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गलत आदतों, बचपन की गलतियाँ, अनियमित दिनचर्या के कारण आज कई पुरूष सेक्स संबंधी समस्याओं से पीड़ित रहते हैं जैसे- शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, वीर्य का पतलापन आदि। हम आपको इस हिंदी लेख में वीर्य को गाढ़ा करने और इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए बहुत आसान से आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं। यानी जिन पुरूषों को वीर्य के पतलेपन की समस्या है उसका आयुर्वेदिक उपचार इस हिंदी लेख में बताये जा रहे हैं।
वीर्य के पतलेपन के समस्या से छुटकारा पाने के लिए बहुत से पुरूष कई प्रकार के दवाईयों का सेवन बिना सोचे समझे व बिना चिकित्सक की सलाह के करने लगते हैं, जिससे उनकी समस्या सुलझने की बजाये और भी जटिल हो जाती है।

Virya(वीर्य) को गाढ़ा, स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए यदि प्राकृतिक उपायों का सेवन आप करेंगे तो वीर्य अवश्य ही गाढ़ा हो जायेगा। लेकिन इसके लिए धैर्य रखने की आवश्यकता भी होती है, क्योंकि आयुर्वेद यानी प्राकृतिक उपचार रोग के मूल कारण पर काम करता है जिससे रोग पुनः उत्पन्न नहीं होता है। आयुर्वेदिक उपचार पद्धति समय अंतराल काफी लंबा होता है, इसलिए वीर्य को गाढ़ा होने में समय लग सकता है।
वीर्य पतला होने से वीर्य में इतना क्षमता नहीं होती कि उससे कोई स्त्री गर्भवती हो जाये। वीर्य के पतलेपन के कारण कई बार पुरूष शीघ्रपतन और स्वप्नदोष जैसी समस्या से भी ग्रसित हो जाते हैं, जिस कारण वैवाहिक जीवन में भी कड़वाहट आने लगती है।

वीर्य को गाढ़ा करने के आयुर्वेदिक उपाय-

Virya Ko Badhane Ke Upay

 

1. यह योग वीर्य को बढ़ाता है तथा संभोगशक्ति में वृद्धि करता है।

वृक्कों एवं मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है।

बहमन लाल, बहमन सफेद, तोदरी पीली, तोदरी लाल, बिसखपरा के बीज, खरबूजा के बीज, हालन, प्याज के बीज, चोके के बीज, उटंगन के बीज, कतीरा के बीज, अजमोद के बीज, हैल्यून के बीज, शलजम के बीज, प्रत्येक 13 ग्राम। शकाकुल, छोटी इलायची, पीपल, कुलन्जन, दालचीनी, सोंठ, तज प्रत्येक 20 ग्राम, तुरंजबीन सफेद तमाम औषधियों से 3 गुणा।

तुरन्जबीन को एक रात गाय के दूध में तर रखें।

सुबह मलकर साफ करें और आग पर गाढ़ा करके नीचे उतार कर दवाओं को कूट-छानकर इसमें डालकर चीनी के प्याले में रख दें।

मात्रा- 12 ग्राम, गाय के 100 मि.लि. ताज़ा दूध के साथ खायें।

2. यशद भस्म, जायफल, जावित्री, इलायची, मिश्री एवं गाय के दूध से दो-दो रत्ती सुबह के समय चाटें।

मर्दानगी, बल-वीर्य पुष्टि खूब बढ़ेंगे।

3. इन्द्र जौ(मीठी) को पानी में भिगोकर छील लें।

तत्पश्चात् शहद का किमाम बनाकर उसमें इन्द्र जौ को मिलाकर आठ दिन तक रखें।

नौवें दिन से 4 ग्राम प्रातः समय खाया करें। वीर्य खूब बनने लगेगा।

4. सिरस के बीज पानी में भिगोकर छील लें।

तत्पश्चात् छाया में शुष्क करके चूर्ण बनाकर समान मात्रा में शक्कर मिलाकर 6 ग्राम नित्य सुबह खाने से वीर्य में वृद्धि होती है।

5. बिनौला दो तोला बछिया वाली गाय के दूध में पीसकर प्रातःकाल पीने से वीर्य बढ़ता है।

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6. खिरनी के बीजों का चूर्ण तथा उसका तीसरा भाग शक्कर मिलाकर 5-10 ग्राम की मात्रा में नित्य प्रातः खाया करें। इससे वीर्य बढ़ता है।

7. वीर्य वृद्धि के लिए पका शरीफा, कटहल व भुने हुए कटहल के बीज अत्यन्त लाभप्रद है।

8. संखाहूली की जड़ की छाल, ऊंटकटारा की जड़ की छाल, उड़द का आटा।

समान मात्रा में लेकर छिलके अलग करके छाया में सुखाकर अलग-अलग चूर्ण बनाकर उड़द का आटा मिला लें।

5 से 10 ग्राम प्रातः समय यह चूर्ण खाकर ऊपर से पाव भर गाय का दूध पिया करें। इससे वीर्य अत्यधिक बढ़ता है।

9. जामुन की गुठली का चूर्ण 5 ग्राम नित्य शाम को गर्म दूध के साथ लेने से वीर्य बढ़ता एवं गाढ़ा होता है।

10. बबूल की कच्ची फलियों को छाया में सुखाकर कूट-छानकर चूर्ण बना लें।

फिर समान मात्रा में मिश्री सम्मिलित कर लें।

नित्य सुबह-शाम 5-5 ग्राम दूध के साथ खाने से वीर्य गाढ़ा होता है।

11. गोखरू, बिदारीकन्द, सफेद मूसली, लौंग, गिलोय, तज सभी को समान मात्रा में लेकर कूट-छानकर रख लें।

रात को 3 ग्राम चूर्ण खाकर ऊपर से दूध पीने से बल व वीर्य बढ़ता है।

12. 5 से 10 ग्राम बहमन लाल का चूर्ण दूध के साथ प्रतिदिन खाने से कामशक्ति बढ़ती है एवं वीर्य अधिक पैदा होता है।

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