योनि की बीमारी का देसी आयुर्वेदिक उपचार

योनि के रोग(Diseases of Vagina)

Yoni Ki Bimari Ka Desi Ayurvedic Upchar, Disease of Vagina

इस रोग में योनि के अंदर श्लैष्मिककला(Mucous Membrane) लाल हो जाती है। यह रोग प्रायः शारीरिक कमजोरी, रक्त में अधिक गर्मी, अतिसंभोग या संभोग से पूर्णतः वर्जित रहना, मासिकधर्म रूक जाना, सुजाक का संक्रमण, प्रसवकाल में तीव्र पीड़ा, गन्दा रहना, खटाई या गर्म(तेज) मसाले का अधिक प्रयोग करना, चोट लगना, तेजी और खराश उत्पन्न करने वाली बत्तियों का योनि में बार-बार प्रयोग करना, छोटी आयु में शादी हो जाना आदि मुख्य कारण हैं। आधुनिक चिकित्सक इसे एक प्रकार का संक्रमण मानते हैं, जिसके कीटाणु योनि में अम्लता की कमी होने से स्वतः उत्पन्न होते हैं।

Yoni Ki Bimari Ka Desi Ayurvedic Upchar

लक्षण-

नये रोग में योनि की झिल्ली लाल और शुष्क हो जाती है। जलन एवं दर्द पीड़ा होती है। ये कष्ट उठने-बैठने या गतिशील होने पर बढ़ जाते हैं। इस पीड़ा का मुख्य केन्द्र योनि और गुदा मार्ग के मध्य में होता है। मूत्र खुलकर नहीं आता है। जलन के साथ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में आता है। 2-3 दिन बाद चिपचिपा, पतला पानी जैसा स्राव आने लगता है। यदि यह रोग दो सप्ताह तक पूर्णतः दूर नहीं हो तो इसे पुराना माना जाता है। इस स्थिति में योनि से गाढ़ा, छांछ की भांति पानी आने लगता है। कमर में दर्द लगातार होता है। दिन प्रतिदिन रोगिणी कमजोर होती जाती है। कब्ज़ के कारण भूख नहीं लगती है। रोगिणी को कोई भी काम करने में मन नहीं लगता है। ऐसा माना जाता है कि 90 प्रतिशत स्त्रियां आजकल इस रोग से ग्रस्त हैं।

घरेलू चिकित्सा-

1. पानी 150 मि.ली. में सुहागा 4 ग्राम घोलकर योनि प्रक्षालन करें।

2. कर्पूर 124 मि.ग्रा. नित्य सुबह-शाम दें। अधिक मत दें अन्यथा विषाक्त प्रभाव हो सकता है।

3. जसद भस्म को कर्पूर तेल में मिलाकर बाह्म प्रयोग करने से भी लाभ होता है।

4. छरीला से सिद्ध तेल को नित्य 2-3 बार लगाने से लाभ होता है।

5. आँवलों के रस में चीनी मिलाकर नित्य 2-3 बार लेने से आशातीत लाभ होता है।

6. योनि में खुजली की शिकायत रहती हो तो आमलों के रस में चीनी मिलाकर नित्य 2-3 बार दें।

7. नागरमोथा के रस का स्थानीय प्रयोग नित्य 2-3 बार करने से भग(योनि) की खुजली मिट जाती है।

8. छरीला से सिद्ध तेल नित्य 3-4 बार लगाने से धीेरे-धीरे योनि की खुजली मिट जाती है।

9. शुभ्रा 10 ग्राम जल 1 लीटर में घोलकर नित्य 2-3 बार योनि प्रक्षाल करने से लाभ होता है।

10. बड़ी हरड़ और माजू के मिश्रित योग के चूर्ण को पानी में घोलकर योनि प्रक्षालन करने से खुजली मिट जाती है।

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