हस्तमैथुन की लत के कारण होने वाले नुकसान

Hastmaithun Ki Lat Ke Karan Hone Wale Nuksan, disadvantages of masturbation

हस्तमैथुन के समय लिंग के स्नायु उत्तेजित हो जाते हैं, जिससे एक प्रकार का अव्यक्त आनंद की अनुभूति होती है। बार-बार इस आनंद की प्राप्ति के लिए रोगी बार-बार हस्तमैथुन करता है, जिससे स्नायुयों में एक प्रकार की अकड़न पैदा हो जाती है। बार-बार अकड़न होने से लिंगही नहीं सारा शरीर शिथिल हो जाता, क्योंकि स्नायु तंत्र का सारे शरीर में जाल फैला हुआ है। इसका एक भाग प्रभावित होने से सारे शरीर की स्नायु पूर्णतः प्रभावित हो जाती है।(कांटा या कील पांव में बिन्दू विशेष पर चुभता है, लेकिन पूरा शरीर पीड़ित हो जाता है) मस्तिष्क निस्तेज हो जाता है। स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। रोगी क्रमशः शीघ्रपतन और स्वप्नदोष का शिकार हो जाता है। अतः सर्वागिक विकास के लिए ‘हस्तमैथुन’ जैसे रोग से बचना अति आवश्यक है। अन्यथा जीवन अभिशप्त हो जाता है।

Hastmaithun Ki Lat Ke Karan Hone Wale Nuksan

1. इतना ही नहीं हस्तमैथुन करने वाला हीन भावना से ग्रस्त हो सकता है।

2. रोगी अपने आपको अपराधी मानने लगता है।

3. संभोग के प्रति रूचि समाप्त हो जाती है या यूं कहें कि खुद को इसके लिए अयोग्य समझने लगता है, जिसके परिणाम स्वरूप दाम्पत्य जीवन दुःखमय हो जाता है।

4. जननेन्द्रिय के स्नायुओं में विकृतियां हो जाती हैं।

5. रोग पुराना हो जाने पर रोगी उत्तेजना को नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाता है और मजबूर होकर शरीर की मांग के अनुसार हस्तमैथुन करता है।

हस्तमैथुन से मुक्ति दिलाने के चिकित्सा सूत्र-

1. इसमें चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य हस्तमैथुन के कारण पहुंचे शारीरिक क्षति को दूर करना और शरीर को स्वस्थ करना है।

2. सर्वप्रथम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पाचन संस्थान को स्वस्थ करें। इसके लिए कब्ज़, रूचि या अरूचि, दस्त के रूप-रंग आदि के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।

3. यदि कब्ज़ हो तो 15 से 30 मि.ली. एरण्ड का तेल गर्म दूध में मिलाकर रात को दें।

4. यकृत को स्वस्थ रखने के लिए तत्संबंधी औषधियों एवं शक्तिवर्धक औषधियां भी दें। वीर्य विकार भी दूर करें।

5. यदि चेहरे को देखने या परीक्षण से प्रमाणित हो कि रक्ताभाव है तो रक्तवर्धक औषधियां दें। आहार तथा पेय देते समय ध्यान रखें कि यह रक्तवर्धक एवं बलवर्धक हो।

6. कुछ चिकित्सक ऐसे रोगियों को उत्तेजक औषधियां देते हैं यह हानिकारक है, क्योंकि जब शरीर पूर्ण स्वस्थ हो जाता है तो कामोत्तेजना भी स्वाभाविक रूप से होती है और अस्वभाविक उत्तेजना तो शरीर के लिए हानिकारक है।

7. रोगी शांत चित्त एवं स्वच्छ वातावरण में रहें। अश्लील वातावरण एवं अश्लील उपन्यास आदि से दूर रहें।

सेक्स समस्या से संबंधित अन्य जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.Click here

हमारी दूसरी साइट पर जाने का लिंक – https://chetanonline.com

Hastmaithun Ki Lat Ke Karan Hone Wale Nuksan का यह लेख आपको कैसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बताये |

यह बाते अपने दोस्तों को शेयर करे |

अधिक जानकारी या इलाज के लिए क्लिक करे

Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *