लिंग की शिथिलता(Looseness of Penis)-
Ling ka Dhilapan Dur Karne Ka Ayurvedic Ilaj, Looseness of Penis
लिंग का ढीलापन, पूरी तरह तनाव न आना, बेजान बने रहना इत्यादि लिंग विकार बचपन की गलतियों, अधिक हस्तमैथुन, अत्यधिक मैथुन, अप्राकृतिक मैथुन व अन्य सेक्सुअल प्राॅब्लम के कारण इस प्रकार की समस्या आने लगती है। लिंग में पूरी तरह जोश व तनाव ने आने के कारण व्यक्ति संभोग करने में भी असमर्थ रहता है और स्त्री से कतराने लगता है। यदि वक्त रहते इसका उपचार न कराया जाये, तो धीरे-धीरे यह स्थिति गंभीर होती चली जाती है और व्यक्ति(पुरूष) नपुंसकता का शिकार भी हो सकता है।
लिंग की शिथिलता की देसी चिकित्सा-
1. एरण्ड के बीज और मीठा तेल दोनों को बराबर-बराबर लेकर औटा कर नित्य मूत्रेन्द्रिय पर मालिश करने से मूत्रेन्द्रिय की निर्बलता दूर हो जाती है।
2. आक के दूध को 12 प्रहर तक गाय के घी में खरल कर लें। 125 मि.ग्रा. की नित्य मूत्रेन्द्रिय पर मालिश करने से हस्तमैथुन से उत्पन्न नपुंसकता(लिंग का ढीलापन) दूर हो जाती है।
3. कनेर की जड़ को कंटाली के रस में खरल करके इन्द्री(लिंग) पर लेप करने से नपुंसकता दूर हो जाती है और लिंग पुष्ट हो जाता है।
4. कलौंजी के तेल का जैतून के तेल में मिलाकर लेेने से नामर्द जो हर प्रकार की चिकित्सा से निराश हो चुका हो और अपनी जिदंगी को बेकार समझे, वे भी फिर से मर्दानगी(पुरूषार्थ) पा लेता है।
5. कलौंजी के तेल को कमर और लिंग पर लगाने से अत्यधिक कामशक्ति पैदा होती है।
6. कायफल को भैंस के दूध में पीसकर कामेन्द्रिय पर नित्य रात को लेप करने और प्रातः धो लेने से धीरे-धीरे लिंग की शिथिलता दूर होकर नपुंसकता में लाभ होता है।
7. खूबकलां 4 ग्राम नित्य लेने से कामेन्द्रिय में उत्तेजना आती है।
8. खैरसार और चिरायता का काढ़ा नित्य दो बार पीने से पूरे शरीर की शिथिलता दूर हो जाती है।
9. चम्पा के तेल की मालिश करने से कामेन्द्रिय में शक्ति बढ़ती है।
10. चमेली के पत्तों के रस से तेल को सिद्ध करके इस तेल की मालिश करने से ध्वजभंग(लिंग का ठंडापन) और नपुंसकता में लाभ होता है।
11. चुकन्दर का साग खाने से कामेन्द्रिय की शक्ति बढ़ती है।
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12. छरीला एक ग्राम मिश्री मिले गाय के दूध के साथ सुबह-शाम लेने से कामेन्द्रिय को ताकत मिलती है। इसका लेप करने से इन्द्री कठोर हो जाती है।
13. जवासीर(हिन्दी/यूनानी नाम) का शिथिल लिंगेन्द्रिय पर लेप करने से उत्तेजना आती है।
नोट- स्वस्थ मनुष्य को इसके लेप से हानि हो सकती है।
14. थूहर के दूध को प्याज के रस में महीन मलमल के कपड़े तीन बार भिगोकर तीन बार छाया में सुखा लें। अब इस कपड़े को अलसी(तीसी) के तेल में 24 घंटे तक भिगो दें। 24 घंटे के बाद इस कपड़े को लिंग की सुपारी वाले अगले भाग को छोड़कर मक्खन लगाकर उस कपड़े को लपेट दें। 3 घंटे बाद इसे खोल दें। इस योग से कामेन्द्रिय की शिथिलता दूर हो जाती है और लिंग पुष्ट हो जाता है।
15. निर्गुण्डी(सिनुबार) को सिल पर घिसकर कामेन्द्रिय पर लेप करने से कामेन्द्रिय की शिथिलता दूर हो जाती है।
16. नरगिस की जड़ को गाय के दूध में 24 घंटे तक उबाल कर पीसकर इसे कामेन्द्रिय पर लगाने से कामेन्द्रिय में बहुत जोश आता है और लिंग की मोटाई और लम्बाई बढ़ जाती है।
17 नेत्रबला(सुगन्धवाला) को बकरी के दूध में घिसकर कामेन्द्रिय पर लेप करने से शिथिलता दूर हो जाती है।
18. बबूने के तेल की लिंग पर मालिश करने और 2-4 बूंद बताशे में डालकर लेकर ऊपर से मिश्री मिला गाय का दूध पीने से लिंग की शिथिलता और नपुंसकता ठीक हो जाती है। कामशक्ति भी जागृत होती है।
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