शीघ्रपतन क्या है?

शीघ्रपतन जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है शीघ्र यानी जल्दी और पतन यानी नष्ट होना, गिरना।

साथ में संधि विच्छेद अनुसार शीघ्रपतन को परिभाषित किया जाये तो अर्थ हुआ जल्दी नष्ट होना।

और यहां जल्दी नष्ट होना से अभिप्राय है संभोग के दौरान शीघ्र वीर्य स्खलित हो जाना।

सामान्य व सरल परिभाषा-

जब कोई पुरूष अपनी महिला साथी के साथ संभोग करते हुए लिंग प्रवेश से पूर्व या फिर लिंग प्रवेश कराते ही कुछ ही सैकण्डों में स्खलित हो जाये, तो इसे शीघ्रपतन कहते हैं।

जाहिर है जब शीघ्र वीर्य स्खलित हो जायेगा तो इससे न तो पुरूष को आनंद आयेगा और ना ही स्त्री को जिसकी संतुष्टि भी अधूरी रह गई हो।

असंतुष्ट रहने के कारण स्त्री को पुरूष से घृणा होने लगती है।

पुरूष भी खुद को स्त्री के सामने शर्मिन्दा महसूस करता है।

पत्नी दुत्कारने लगती है कि कैसा मर्द है जो एक औरत को भी संतुष्ट नहीं कर सकता।

या फिर यह ताना देती है कि जब ‘काम’ की क्षमता ही नहीं थी, तो विवाह क्यों किया? न जाने कितने की प्रकार के ताने सुनने को मिलते हैं।

परिणामस्वरूप पुरूष के अंदर आत्मविश्वास की कमी हो जाती है और वह हीनभावना का शिकार हो जाता है।

किन्तु आपको परेशान व चिंतित होने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यहां नीचे हम आपको शीघ्रपतन की समस्या को दूर करने के लिए बहुत आसान व कारगर उपाय बताने जा रहे हैं..

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शीघ्रपतन दूर करने के लिए देसी व आयुर्वेदिक उपचार-

1. अकरकरा 20 ग्राम, रिंहा का बीज 24 ग्राम और मिश्री 27 ग्राम। इन्हें एक साथ कूट-पीसकर छानकर रख लें। इस योग में से प्रति मात्रा 3 ग्राम चूर्ण खाकर दो घंटे के बाद संभोग करें, तो तब तक वीर्य स्खलित नहीं होगा, जब तक कि नींबू का रस नहीं सेवन किय जाये।

2. काले तिल और दालचीनी का समभाग मिश्रित योग तैयार कर लें।

इसमें से प्रतिमात्रा 7 ग्राम शहद के साथ चाटने के एक घंटा बाद मैथुन करें, तो पूर्ण स्तम्भन होता है।

इसका प्रभाव तीन घंटे तक बना रहता है।

3. सफेद फूलों वाली कनेर की जड़ पानी में घिसकर लिंग के अगले भाग को छोड़कर बाकी भाग पर लगायें।

15 से 20 मिनट के बाद उसे धो डालें और संभोग करें। पूर्ण स्तम्भन होगा।

4. शुद्ध शहद में गंधक मिलाकर लेप तैयार कर लें। इस लेप को लिंग पर(सुपारी छोड़कर) लेप करके संभोग करने से पूर्ण स्तम्भन होता है। नायिका पहले स्तंभित हो जाती है।

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5. भुना हुआ सुहागा थोड़ी-सी पान में डालकर नायिका को यानी जिस स्त्री के साथ संभोग करना है, फिर संभोग किया जाये तो नायिका पहले ही स्खलित हो जाती है।

6. चमेली के तल में राई को पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग कड़ा हो जाता है। पर स्मरण रहे, इस लेप को 20 मिनट से अधिक नहीं रहने दें।

7. एक ग्राम हींग शहद में पीसकर जीरे के सदृश पतली और लम्बी बत्तियां बनाकर रख लें। 1 बत्ती लिंग के छेद में धारण करें। एक घंटे बाद संभोग करें। पूर्ण आनंद एवं स्तम्भन होगा।

8. आक(मदार) की जड़, अकरकरा और भांग के समान मात्रा में लेकर धतूरे के रस में पीसकर लिंग पर लेप करने से लिंग खूब कड़ा(सख्त) हो जाता है।

9. काले धतूरे की पत्तियों का रस टखनों पर लगायें। जब रस सूख जाये, तब संभोग करें। वीर्य का स्तम्भन होगा। संभोग में आनंद भी खूब आयेगा।

10. मली के बीज 50 ग्राम पीसकर 200 ग्राम मीठे तेल में मिलाकर पकायें। इसे छानकर रख लें। इस सिद्ध तेल को नित्य लिंग पर 21 यार 31 दिन तक लगायें। इससे लिंग में जोर की तेजी आती है।

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