प्राॅस्टेट ग्रन्थि की सूजन, पौरूष ग्रन्थि की शोथ

प्राॅस्टेटाइटिस (Prostatitis)

Prostate Ki Samasya Ke Liye Ayurvedic Ilaj, Prostatitis

परिचय- पौरूष ग्रन्थि में प्रदाह होने से जो सूजन हो जाती है, उसे ‘पौरूषग्राॅथ शोथ’ कहते हैं।

Prostate Ki Samasya Ke Liye Ayurvedic Ilaj

कारण- कुछ बैक्टिरिया ऐसे होते हैं, जिनके कारण यह रोग हो जाता है, जैसे- गोनोकोक्कस, स्ट्रेप्टोकोक्कस, आँतों के कीटाणु आदि। इनके अतिरिक्त यदि कैथेटर का सही प्रयोग नहीं किया गया हो, पथरी की शिकायत हो या गुदा संबंधी कष्ट हो तो भी यह रोग हो जाता है।

मुख्य लक्षण- रोग की प्रारम्भिक अवस्था में पौरूषग्रंथि क्षेत्र में और जलन होती है। यह पीड़ा मूत्राशय, गुदा और सीवन तक जाती है। बार-बार मूत्र आना, मल-मूत्र करते समय तीव्र पीड़ा तथा सूजन होने से मूत्रावरोध की शिकायत, रोग पुराना पड़ने पर मूत्र के साथ-साथ स्त्राव आता है।

रोग की पहचान- रोगी के गुदा अंदर अंगुलि प्रवेश करने से पौरूषग्रंथि बढ़ी हुई और पीड़ादायक प्रतीत होती है। यही रोग निर्णायक परीक्षण है।

रोग का परिणाम- यदि रोग के प्रारम्भ में चिकित्सा की जाये तो चिकित्सा सरल हो जाती है। यदि चिकित्सा देर से की जाये तो पौरूषग्रन्थि फोडे़ में परिवर्तित हो जाता है। विशेष परिस्थिति में शल्यक्रिया आवश्यक होती है।

आयुर्वेदिक पेटेण्ट चिकित्सा-

1. प्रोस्टेट Prostaid(वैद्यनाथ) 2-2 गोली प्रतिदिन 2-3 बार दें।

2. स्पीमेन प्लेन टैब्स(हिमालय) 2-2 गोली प्रतिदिन 3 बार दें।

देसी योग-

1. सिनुआर के पत्तों का रस 10-20 मि.ली. सुबह-शाम दें तथा सिनुआर करंज, नीम और धतूरे के पत्तों को पीसकर धीरे-धीरे बांधने से लाभ होगा।

यह भी पढ़ें- लिंग लंबा व मोटा करें

2. नागदन्ती की जड़ की छाल 5 ग्राम में सिनुआर के पत्तों का रस एवं करंज का योग देकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।

3. यदि यह रोग पुराना हो गया हो तो मुण्डी(गौरव मुण्डी) की पंचाँग का स्वरस 10 से 20 मि.ली. सुबह-शाम दें।

4. हुरहुर पीले फूलों वाली के पत्तों को पीसकर लिंग से ऊपर एवं पेडू के निचले भाग पर लेप करने से या लेप बांधने से लाभ होगा।

5. लिंग के आसपास एवं पेडू पर राई पीसकर लेप करने से पौरूष ग्रन्थि की सूजन कम होगी।
नोट- लेप आधा घण्टे से अधिक नहीं लगायें अन्यथा जलन एवं त्वचा पर फफोले हो जायेंगे।

6. गुग्गुल चैथाई से एक ग्राम गुड़ के साथ सुबह-शाम सेवन करने से आशातीत लाभ होता है।

7. मुनियारा(रोनीकूल) की जड़ का चूर्ण 3-6 ग्राम सुबह-शाम सेवन करने से पौरूष ग्रन्थि शोथ में लाभ होता है।

सेक्स समस्या से संबंधित अन्य जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.Click here

हमारी दूसरी साइट पर जाने का लिंक – https://chetanonline.com

Prostate Ki Samasya Ke Liye Ayurvedic Ilaj का यह लेख आपको कैसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बताये |

यह बाते अपने दोस्तों को शेयर करे |

अधिक जानकारी या इलाज के लिए क्लिक करे

Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *