शीघ्रपतन के कारण और घरेलु नुस्खे
शीघ्रपतन किसे कहते हैं?
Shighrapatan Ke Karan Aur Gharelu Nuskhe, premature ejaculation
परिचय- संभोग काल में शीघ स्खलित हो जाना(शीघ्र वीर्य निकल जाना) ही शीघ्रपतन कहलाता है।
शीघ्रपतन के कारण-
असंयमित प्राकृतिक या अप्राकृतिक मैथुन, हस्तमैथुन, अति स्त्री प्रसंग(संभोग), अनेक प्रकार के जीर्ण रोग, शरीर में पोषक तत्वों का अभाव, पुष्टिकारक भोजन नहीं मिलना, स्वप्नदोष, जननेन्द्रिय संबंधी स्थानीय रोग, सुजाक, मदिरा सेवन, भांग, अफीम आदि नशीले पदार्थों का अत्यधिक सेवन करना, संभोग के समय अन्य अश्लील दृश्यों या तस्वीरों को देखना, संभोग के पूर्व भयभीत हो जाना कि कहीं मैं शीघ्र स्खलित न हो जाऊं आदि विशेष प्रभावी होते हैं। रोगी को इनसे अवश्य बचना चाहिए। इसके बाद ही चिकित्सा संभव है।
शीघ्रपतन की उपयोगी घरेलू चिकित्सा-
1. छोटी माई का चूर्ण 2 से 4 ग्राम सुबह-शाम सेवन करने से शीघ्रपतन ठीक हो जाता है।
2. अफीम के साथ जायफल भूनकर 0.25 से 1 ग्राम रोजाना रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ दें।
नोट- मात्रा अधिक होने से चक्कर आने लगते हैं।
3. बरगद(वटवृक्ष) का दूध 20 से 30 बँदें रोजाना बताशे पर डालकर सेवन करने से लाभ होता है। 3 सप्ताह तक या आवश्यकतानुसार पूर्ण लाभ होने तक दें।
इससे किसी प्रकार का दुष्प्रभाव प्रकट नहीं होता है।
4. पीपल(अश्वत्थ) वृक्ष के फल, फूल, छाल एवं कोपलों को अच्छी प्रकार पीसकर दूध में उबालकर छानकर गर्म-गर्म शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बाजीकरण होता है।
5. शीघ्रपतन में सिरिस के फूलों का रस 10 से 20 मि.ली. सुबह-शाम मिश्री मिले दूध में मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
6. समुद्रशोष के बीज 3 से 6 ग्राम जल में डालकर लुआबदार होने पर मिश्री के साथ घोंटकर सुबह-शाम सेवन करने से वीर्य स्तम्भन होता है।
7. कतीरा गोंद का चूर्ण 5 से 10 ग्रा. रात को सोते समय पानी में भिगो दें। सवेरे मिश्री या शक्कर मिलाकर शर्बत की भांति नित्य घोंट कर सेवन करें। वीर्य की वृद्धि होती है तथा वीर्य गाढ़ा एवं स्तम्भन शक्ति की वृद्धि होती है। पुरूषत्व की वृद्धि होगी।
8. असगन्ध नागौरी का चूर्ण 1 चाय चम्मच सफगोल(ईसबगोल) की भूसी 1 चाय चम्मच, मिश्री का चूर्ण 1 चाय चम्मच और काली मिर्च 3 नग का चूर्ण मिलाकर नित्य रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ दें। शीघ्रपतन के साथ वीर्य संबंधी समस्त विकार दूर हो जाते हैं और पुरूषत्व शक्ति की वृद्धि होती है तथा शारीरिक एवं मानसिक विकास भी होता है।
9. अंकुरित उड़द की दाल 100 ग्राम नित्य मिश्री या शक्कर मिलाकर खाने से शीघ्रपतन में लाभ होता है।
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10. काली उड़द की दाल का बेसन देसी घी में हल्का भून लें। नित्य रात को सोते समय 50-60 ग्राम मिश्री मिले दूध में अच्छी प्रकार उबाल कर गर्म-गर्म पी लें। वीर्य संबंधी समस्त विकार दूर होंगे। नपुंसकता, शीघ्रपतन आदि में भी लाभ होगा।
11. पिण्ड खजूर 5 फल खाकर ऊपर से मिश्री मिला गर्म-गर्म दूध 250 मि.ली. नित्य पीने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है। स्तम्भन शक्ति भी बढ़ती है।
12. बबूल की कच्ची फलियाँ जिन में अभी बीज नहीं बने हों, छाया में सुखा कर चूर्ण बना लें। 3 से 6 ग्राम नित्य सुबह-शाम चीनी मिलाकर सेवन करने से शीघ्रपतन दूर हो जाता है।
13. काली मूसली का चूर्ण 5 ग्राम तथा बंगभस्म आधा ग्राम शहद मिलाकर 40 दिन तक सेवन करने से लाभ होता है। इसे लेने के बाद आधा घंटा तक कुछ ना खायें।
14. भुने हुए चने के आटे में मिश्री मिलाकर नित्य खाने से शीघ्रपतन में लाभ होता है।
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