स्तनों का ढीला हो जाना (Relaxation of Mammary Glands)-
Stano Ka Dhilapan Dur Karne Ke Gharelu Upay, relaxation of mammary glands
स्त्रियों और युवतियों के लिए स्तन मुख्य रूप से आकर्षण का केन्द्र माना जाता है। यदि किसी स्त्री के स्तन युवावस्था में ही ढीले हों तो यह अभिशाप-सा प्रतीत होता है। इस स्थिति में दुग्ध उत्पादक ग्रंथियों की सक्रियता भी कम या समाप्त सी हो जाती है।
कारण- शरीर में कफ की अधिकता स्तनों का बहुत अधिक हिलना-डुलना या बार-बार खींचना, बहुत अधिक सन्तान द्वारा स्तनों का पान किया जाना, ब्राॅ(ब्रेजियर) का प्रयोग नहीं करना, अधिक समय तक स्तनपान कराना आदि मुख्य कारण हैं।
चिकित्सा निर्देश-
1. स्वास्थ्यवर्द्धक योगों को दें, जिससे शरीर में लौह, कैल्शियम एवं विटामिन बी-कम्पलेक्स की पूर्ति हो।
2. स्वास्थ्य संबंधी कोई विकार(रोग) हो तो उसकी चिकित्सा करें।
3. स्तनों को बड़ा होना शीर्षक के अंतर्गत वर्णित औषधियों को आवश्यकतानुसार दें।
4. फिटकरी 1.2 ग्राम, गैलिक एसिड 1.8 ग्राम, एसीटेट आॅफ लेड 1.8 ग्राम इनको थोड़े पानी में घोलकर काफी समय तक लेप लगाते रहें और बर्फ के पानी से स्तनों को लेप लगाने के एक घंटा बाद धो दें।
5. सफेद रत्तियाँ(सफेद घुंघची या करजनी) 12 ग्राम, चुनियाँ गोंद 12 ग्राम मिलाकर लेप करके उपलों की आग से सेंक करें। 8-10 दिन ऐसा करने से सख्त हो जाते हैं।
6. फिटकरी एवं कर्पूर प्रत्येक 12 ग्राम, अनार का छिलका 36 ग्राम पीस-छानकर स्तनों पर आवश्यकतानुसार पतला लेप कर दिया करें।
7. कच्चे आम के छोटे-छोटे फल जो लगभग चने के बराबर ही हो, बबूल की बिल्कुल कच्ची फटियाँ, इमली के बीजों की गिरी, अनार का छिलका समभाग। सबको छाया में सुखाकर बारीक पीस लें। इसमें 18 ग्राम घी खाण्ड मिलाकर हलुवा बनाकर 40 दिन तक नित्य सुबह-शाम खाने को दें।
इसके नियमित सेवन से गर्भाशय और ढीले स्तन सख्त हो जाते हैं। गर्भाशय से पानी आने में भी आराम आ जाता है। स्त्री के स्तन तथा गर्भाशय एक नवयुवती की भांति हो जाते हैं। हर समय ब्राॅ(ब्रेजियर) पहनने को कहें। कफ एवं वातकारी आहार या पेय मत दें।
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