अण्डकोष में पानी भर जाने का आयुर्वेदिक इलाज

Andkosh Me Pani Bharne Ka Ayurvedic Ilaj, hydrocele

परिचय-

अण्डकोषों में पानी भर जाने के कारण यदि आकार में वृद्धि हो जाये तो इसे अण्डकोष वृद्धि कहते हैं।

Andkosh Me Pani Bharne Ka Ayurvedic Ilaj

कारण-

किसी भी प्रकार का आघात(चोट) लगना, स्थानिक शोथ, अण्डग्रंथि की नसें फूलना, अधिक घुड़सवारी या साईकिल चलाना, अनुपयुक्त, हर्निया पेटी(टूस) पहनना, सुजाक, स्वास्थ्य भंग, फाइलेरिया आदि से होता है। यह रोग सामान्यतः बिहार, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा में अधिक होता है।

लक्षण-

यदि आघातजनित(चोट से रोग की उत्पत्ति) तो पीड़ा प्रदाह(सूजन) अधिक होती है। फिर समुचित औषधि व्यवस्था से लाभ स्थायी रूप से हो जाता है। यदि रोग का कारण फाइलेरिया हो तो प्रारम्भ में अण्डकोषों में प्रदाह(सूजन) एवं पीड़ा के साथ-साथ ज्वर भी हो जाता है। जिसका आक्रमण सामान्यतः रात को होता है। औषधियों के प्रयोग से ज्वर एवं अन्य सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, परन्तु अण्डकोषों की आकृति में कुछ वृद्धि होकर स्थिर रह जाती है।

पुनः बाद में बीच-बीच में ज्वर, अण्डकोष में पीड़ा और सूजन का क्रम जारी रहता है। प्रत्येक बार पिछली बार की अपेक्षा अण्डकोषों की आकृति में वृद्धि हो जाती है। इसमें पानी एकत्र होने का क्रम चालू रहता है। इस रोग में पानी(serous fluid) वृषणों को ढकने वाली श्लैष्मिकता(पर्दे) (Tunica Vaginalis) में एकत्रित हो जाता है। यदि रोग की उत्पत्ति का कारण स्वस्थ्य भंग हो तो अण्डकोषों में दर्द नहीं होता है। यह रोग चाहे किसी भी कारण से हुआ हो इसकी वृद्धि प्रत्येक एकादशी से पूर्णिमा, एकादशी से अमावस्या और बहुत अधिक चलने से होता है।

यह भी पढ़ें- लिंग में ढीलापन दूर करें

पहचान-

इसको पचानना सरल है। अण्डकोषों के आकार में वृद्धि हो जाती है। इसके अंदर पानी जमा हो जाता है, जिसकी मात्रा 50 ग्राम से 4 किलो तक हो सकती है।

परिणाम-

कुछ चिकित्सक इसमें से पानी निकाल कर रोगी को स्वस्थ करना चाहते हैं। इससे स्थायी लाभ नहीं होता। बार-बार ऐसा करना पड़ता है। अतः लंगोट धारण एवं सुचिकित्सा(औषधि सेवन) आदि से यदि लाभ नहीं हो तो शल्य चिकित्सा की सहायता लेनी चाहिए। तभी स्थायी लाभ संभव होता है। अन्यथा संभोग में कठिनाई होती है। रोगी संतान उत्पत्ति करने में सक्षम नहीं होता है।

अण्डकोष वृद्धि की आयुर्वेदिक घरेलू चिकित्सा-

1. कंटकरंज के बीजों का चूर्ण एरण्ड के पत्रों पर डालकर अण्डवृद्धि एवं अण्डशोथ पर बांधें। कंटकरंज के बीजों की मज्जा आधा से एक ग्राम सुबह-शाम काली मिर्च के साथ सेवन करने से लाभ होता है।

2. लकजन(लज्जवन्ती का एक प्रकार) को पीसकर अण्डवृद्धि पर लेप करने से लाभ होता है।

3. छोटी-कटेरी की जड़ की छाल कच्ची एवं गीली 15 से 20 ग्राम। यदि सूखी हो तो 10 ग्राम एवं काली मिर्च 6 नगर पीस घोंटकर एक कप पानी में घोलकर नित्य क्रिया से निवृत्त होने के बाद पिलायें। लगातार एक सप्ताह सेवन करने से आशातीत लाभ होता है। पथ्य में बेसन की रोटी और घी दें।

4. एरण्ड को तेल 2 चाय चम्मच रोज रात को सोने से पहले गर्म दूध में मिलाकर रोगी को दें। बहुत आराम मिलेगा।

5. आम वृक्ष का बान्दा(बांझी) गौमूत्र में पीसकर अण्डवृद्धि पर लेप करें।

6. मुसब्बर(एल्बा), गुग्गल, आम्बा हल्दी, मरम की प्रत्येक 1 ग्राम और सरेस 3 ग्राम पानी में लेप बनाकर फोतों पर लगायें।

7. अंगूर के पत्तों पर घी चुपड़ कर आग पर सेंक कर खूब नरम करके फोतो पर बांधने से सूजन दूर हो जाती है।

Andkosh me paani bharne ki आयुर्वेदिक दवा मंगाने के लिए हमे कॉल करे

8. अमलतास की 20 ग्राम गिरी को पानी 150 मि.ली. में उबाल कर 30 मि.ली. शेष रहने पर गाय का घी 30 ग्राम मिलाकर खड़े-खड़े पानी पीने से अण्डकोष वृद्धि में लाभ होता है।

9. अरण्ड की जड़ को सिरके में पीसकर गुनगुना लेप करने से अण्डकोषों की सूजन दूर हो जाती है।

10. आक की जड़ को कांजी में पीसकर लेप करने से हाथी-पांव और अण्डकोष वृद्धि में लाभ होता है।

11. आस(विलायती मेंहदी) के पत्तों का लेप करने से अण्डकोष वृद्धि में लाभ होता है।

12. बिनौले की मींगी और सोंठ को पानी में पीसकर लेप करने से अण्डकोष वृद्धि में लाभ होता है।

सेक्स समस्या से संबंधित अन्य जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.Click here

हमारी दूसरी साइट पर जाने का लिंक – https://chetanonline.com

Andkosh Me Pani Bharne Ka Ayurvedic Ilaj का यह लेख आपको कैसा लगा हमे कमेंट करके जरूर बताये |

यह बाते अपने दोस्तों को शेयर करे |

अधिक जानकारी या इलाज के लिए क्लिक करे

Summary
Andkosh Me Pani Bharne Ka Ayurvedic Ilaj
Article Name
Andkosh Me Pani Bharne Ka Ayurvedic Ilaj
Description
नमस्कार दोस्तों ,chetan clinic के इस ब्लॉग मे आपका स्वागत है | आज हम बात करने वाले है, Andkosh Me Pani Bharne Ka Ayurvedic Ilaj के बारे मे
Author
Publisher Name
Chetan Clinic
Publisher Logo
Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published.