हस्तमैथुन
Hastmaithun Ke Fayde Or Nuksan, Masturbation, Hand Practice, Masturbate Side Effect
हस्तमैथुन में व्यक्ति अपनी कामवासना रूपी भड़ास को स्वयं ही हस्त की सहायता से शांत कर लेता है। कुल मिलाकर जब उत्तेजना की स्थिति में व्यक्ति के पास अपनी उत्तेजना को शांत करने का कोई विकल्प या साधन उपलब्ध नहीं होता, तो वह विवश होकर हस्तमैथुन करने को उतारू हो जाता है और अपनी कामेच्छा को अप्राकृतिक तरीके से शांत कर लेता है। इसे ही हस्तमैथुन कहते हैं।
ईश्वर ने मनुष्य के शरीर की संरचना ही कुछ इस प्रकार से की है, कि मनुष्य के कुछ कर्म स्वाभाविक होते हैं, जोकि उसे करने पर विवश करते हैं और कुछ कर्म ऐसे होते हैं, जो वह आदतन या शौकिया तौर पर करता है। हस्तमैथुन भी एक ऐसी ही स्वाभाविक क्रिया है, जिसे हर युवा वर्ग कभी-न-कभी एक पड़ाव में आकर करता ही है। लेकिन अगर यही हस्तमैथुन शौकिया तौर पर या फिर आदतन किया जाये और अधिक मात्रा में किया जाये तो यह नुकसानदाय भी साबित हो सकता है।
जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, ठीक उसी प्रकार हर चीज के दो पहलू होते हैं एक अच्छा और एक बुरा। ऐसे ही अगर हस्तमैथुन के फायदे हो सकते हैं, तो अति होने पर यह बहुत अधिक नुकसानदायक भी साबित हो सकता है।
जानें इस हिंदी लेख में क्या हैं नुकसान और फायदे हस्तमैथुन के..
जैसे कि पहले भी बताया गया है कि हस्तमैथुन एक प्रकार की स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसे हर व्यक्ति अपनी उम्र के एक पड़ाव में कभी-न-कभी करता ही है। फिर वह चाहे पुरूष हो या स्त्री, कोई इससे बच नहीं सकता। अगर स्पष्ट शब्दों में कहा जाये तो हर व्यक्ति अपने जीवन में चाहे एक बार ही सही, हस्तमैथुन करता ही है।
मगर आज इस बात को स्वीकारने में हर व्यक्ति कतराता है।
वह स्वीकार करने से शर्माता है कि उसने हस्तमैथुन किया है।
वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जो खुलकर सामने आकर कहते हैं कि उन्होंने हस्तमैथुन किया है और आज भी एकांत मिलने पर करते हैं।
कुछ वास्तविक बातें हैं हस्तमैथुन से संबंधित, जिन्हें आप चाहकर भी नकार नहीं सकते।
वैसे विशेषज्ञों के अनुसार हस्तमैथुन करने में कोई बुराई या नुकसान नहीं हैं, बशर्ते माह में एक से दो बार किया जाये और सही तरीके व धैर्य के साथ किया जाये।
दरअसल अधिकतर लोग रोजाना हस्तमैथुन करते हैं, वो भी गलत तरीके से।
जैसे अपने लिंग को जोश में आकर तरोड़-मरोड़ कर, जबरदस्ती खींचातानी करके वीर्य तो बर्बाद करते ही हैं |
साथ ही इससे लिंग दोष या विकार भी उत्पन्न हो जाते हैं।
अब पाठकगण ध्यान दीजिएगा, क्योंकि अब नीचे हम आपको हस्तमैथुन के कुछ नुकसान और फायदे बताने जा रहे हैं..
Hastmaithun Ke Fayde Or Nuksan
हस्तमैथुन से लाभ-
हस्तमैथुन से होने वाले नुकसान के बारे में बाद में बात करेंगे, लेकिन अगर फायदे के बारे में बात की जाये, तो कुछ फायदे इस प्रकार हैं..
masturbation करने से यह बात तो सत्य है कि वीर्यपात के बाद आपकी वासना शांत हो जाती है |
जोकि आपको एक अंदरूनी सुकून व राहत पहुंचाती है।
आप इतना अधिक रिलेक्स महसूस करते हैं कि आपको नींद भी बहुत अच्छी आती है।
इसके अलावा आपका कोई गहरा मानसिक तनाव भी कुछ पलों के लिए शांत हो जाता है |
जिससे आपको अन्य कामों मेें रूचि के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
लेकिन फायदे के साथ नुकसान न हो जाये, इसके लिए इस बात का भी ध्यान रखा जाये कि कभी-कभार ही ऐसा किया जाये। और जब भी किया जाये तो बड़ी सावधानी पूर्वक और धैर्य के साथ किया जाये, ताकि आपको लिंग संबंधी विकारों से पीड़िन न होना पड़े।
हस्तमैथुन से होने वाली हानियाँ-
1. लिंग विकार होना-
रोजाना अधिक मात्रा में हस्तमैथुन करने से यानी एक ही दिन में 2 से 3 बार हस्तक्रिया करने से लिंग की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, खराब हो जाती हैं।
इसके अलावा वीर्य निष्कासित होने से पूर्व रिसने वाला द्रव्य लिंग की मांसपेशियों में प्रविष्ट हो जाता है।
ऐसा होने से शिश्न में सूजन हो जाती है, जोकि कष्टकारी होता है।
इस सूजन के कष्ट से पुरूष तब तक परेशान रहता है, जब तब कि मांसिपेशियों में गया द्रव्य, पुनः रक्त में नहीं मिल जाता।
2. लिंग की मांसपेशियों की क्षति-
दरअसल व्यक्ति जब हस्तमैथुन करता है, तो उसका मकसद केवल यही होता है कि जल्दी से जल्दी किसी भी तरह वीर्य स्खलन करके तृप्ति प्राप्त करना। इसी फेर में व्यक्ति कभी-कभी इतना उग्र हो जाता है कि वह लिंग को कसकर दबाने लगता है, तरोड़ने-मरोड़ने लगता है, जोकि बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है।
लिंग को प्रताड़ित करने से ‘पायरोनी’ नामक रोग हो सकता है।
इस रोग में लिंग में टेढ़ापन आ जाता है, जोकि लिंग के उत्थित होने पर स्पष्ट देखा जा सकता है।
केवल इतना ही नहीं, लापरवाही बरतने पर पेनाइल फ्रेक्चर भी होने की संभावना बनी रहती है |
जिसका मतलब है आपके लिंग की मांसपेशियां टूट सकती हैं।
3. शुक्राणुओं की कमी और तृप्ति का अभाव-
हस्तमैथुन की आदत का सबसे बड़ा नुकसान पुरूषों के लिए यह हो सकता कि भविष्य में उनके पिता बनने की संभावना बहुत कम हो जाती है। दरअसल लगातार अप्राकृतिक तरीके से वीर्य का नुकसान करने से वीर्य विकार उत्पन्न हो जाते हैं। वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है, जिससे पिता बन पाना भी मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही हस्तमैथुन करने वाले व्यक्ति को हस्तमैथुन में ही आनंद प्राप्त होने लगता है, वास्तविक संभोग (प्राकृतिक मैथुन) से उसे कोई सरोकार नहीं रहता और न ही आनंद की प्राप्ति होती है।
परिणामतः पत्नी या किसी अन्य स्त्री के साथ संतुष्ट होने में बहुत अधिक समय लगता है, क्योंकि दिमागी रूप से पूरी तरह पुरूष संभोगानंद से जुड़ नहीं पाता और वीर्य को स्खलित होने में समय अधिक लगता है।
इसके अतिरिक्त ‘हस्तचलन’ से शीघ्रपतन की समस्या भी शीघ्र ही पुरूष को जाती है।
4. मनोवैज्ञानिक प्रभाव-
हस्तमैथुन के आदि पुरूष में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है, घबराहट व बेचैनी जैसी दिक्कतें आने लगती हैं।
इतना ही नहीं, व्यक्ति अपने आप से ही घृणा करने लगता है।
उसे लगता है वह गंदा कार्य करता है, जोकि उसे नहीं करना चाहिए।
फिर वह अपने आपसे ही वायदा करता है और कसम खाता है कि अब वह दोबारा हस्तमैथुन नहीं करेगा।
किन्तु एकांत मिलने पर व्यक्ति वही गलती(हस्तमैथुन) बार-बार दोहराने लगता है।
इस स्थिति में व्यक्ति बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में आ जाता है।
5. वैवाहिक जीवन में तनाव और अवैध रिश्ते की चाह-
हस्तमैथुन की लत वैवाहिक जीवन को खतरे में डाल सकता है।
पुरूष की हस्तमैथुन की लत उसकी काम-संतुष्टी को कुछ पलों के लिए तो शांत कर देती है, लेकिन गुप्त रूप से धीरे-धीरे उसकी उत्तेजना को भी बढ़ाती रहती है, जिस कारण पुरूष की कामेच्छा एक स्त्री से शांत नहीं हो पाती और वह पराई स्त्रियों से सम्पर्क साधने की चेष्टा में लग जाता है।
वहीं स्त्री भी पति द्वारा हस्तमैथुन के कारण उत्पन्न हुई शीघ्रपतन की समस्या से तंग आकर पराये पुरूषों के सम्पर्क में चली जाती हैं, जोकि हर तरीके से गलत है।
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