शीघ्रपतन के कारण और आसान देसी उपाय

शीघ्रपतन किसे कहते हैं?

जब कोई पुरूष अपनी महिला साथी या फिर पत्नी के साथ संभोग करे और बिना अपनी पार्टनर को संतुष्ट किए ही समय से पूर्व स्खलित हो जाये, तो उस अवस्था को शीघ्रपतन कहेंगे।

शीघ्रपतन के कारण-

मैथुन इच्छा की अधिकता, हस्तमैथुन, वीर्यप्रमेह, वीर्य की अधिकता, मैथुन इच्छा, बच्चाबाजी, अधिक मैथुन करना, वीर्य की गर्मी, आनन्द प्राप्त करने के लिए तिलाओं का अधिक प्रयोग, दिल-दिमाग और यकृत की कमजोरी, वीर्य पतला हो जाना, मूत्राशय में रेत, पेट के कीड़े, स्त्री के गुप्तांग का तंग और शुष्क होना, सुपारी पर मैल जम जाना, सुपारी की बवासीर, सुजाक, मूत्रमार्ग की खराश, प्राॅस्टेट ग्लैण्ड की शोथ आदि।

शीघ्रपतन के लिए देसी उपाय-
Shighrapatan Ke Karan Aur Aasan Desi Upay

1. करेले के फूलों को लेकर उसका रस निकालें। फिर उसको दीये की लौ(आग) पर शुष्क करके मटर के बराबर गोलियां बना लें। सम्भोग से डेढ़ घंटे पहले एक से 6 गोलियां गाय के दूध के साथ खिलायें। बहुत ही मैथुन शक्ति और स्तम्भन शक्ति उत्पन्न करती है।

2. दालचीनी पीसकर 500 से 750 मिलीग्राम सुबह-शाम गाय के दूध के साथ खाते रहने से स्तम्भन शक्ति और मैथुन आनन्द प्राप्त होता है।

3. आम के कच्चे फल जो चने के बराबर हों, कच्चे गूलर जो सख्त और बहुत छोटे हों, बबूल की कच्ची फलियां(जिसमें बीज न हों)। तीनों वस्तुएं समभाग लेकर छाया में शुष्क करें। फिर कूट-छानकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण 3 ग्राम मधु 12 ग्राम में मिलाकर तीन सप्ताह तक रोगी को सुबह-शाम खिलायें। शीघ्रपतन के लिए रामबाण है।

4. खशखश डोडा साबुत 60 ग्राम लेकर आधा किलो ताजा अदरक के रस में भिगोकर छाया में सुखायें। जब दवा बिल्कु शुष्क हो जाये तो चूर्ण बना लें और 125 खांड मिलाकर सुरक्षित रख लें। स्थायी लाभ के लिए 3-3 ग्राम सुबह-शाम और मैथुन आनंद के लिए 6 ग्राम संभोग के डेढ़ घंटे पहले गाय के दूध के साथ खिलायें। शीघ्रपतन के लिए बहुत लाभप्रद और अनुभूत है।

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5. जंगली बेर की गुठलियों की गिरी को पीसकर उसमें उससे आधी खांड मिलाकर रख लें।

12 ग्राम सुबह-शाम गाय के दूध साथ रोगी को खिलायें। शीघ्रपतन के लिए उत्तम योग है।

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6. लाल कनेर के फूल, सफेद कनेर के फूल, धतूरे के बीज, कौंच के बीज, बैंगन के बीज प्रत्येक 120 ग्राम, खसखस डोडा खाली 60 ग्राम, बड़ी कटेली के फल आधा किलो, नीम के बीज 250 ग्राम।

इन सब दवाओं को थोड़ा-थोड़ा कूटकर ढाई किलो गाय के दूध में उबालें।

फिर छानकर उसकी विधि अनुसार दही बनाकर मक्खन निकालें।

शीघ्रपतन रोग दूर करने के लिए इन्द्री, पेडू़, जाँघ के जोड़ों और अण्डकोषों पर प्रतिदिन इस मक्खन की मालिश करें।

मैथुन आनंद में वृद्धि करने के लिए सम्भोग से एक घण्टे पहले पांव के तलवों पर मलें।

7. सफेद कनेर की जड़ की छाल 6 ग्राम, विशुद्ध अफीम 6 ग्राम, काली मिर्च 2 ग्राम, हरे माजूफल 2 ग्राम, दाना लाख 2 ग्राम।

इन सबको अच्छे से खरल करके जंगली बेर से कुछ बड़ी गोलियां बना लें।

2 गोली जल मंे घिसकर सम्भोग से एक घण्टे पहले नाभि पर लगायें। मैथुन आनंद उत्पन्न करने के लिए रामबाण योग है।

8. हरमल भुना हुआ 2 ग्राम, खाली खसखस डोडा 6 ग्राम। दोनों को मिलाकर सुरमे की भांति चूर्ण बनायें।

250 मि.ग्रा. से 1 ग्राम तक यह चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ खिलायें। शीघ्रपतन के लिए बहुत ही गजब का नुस्खा है।

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